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Monday, July 19, 2010

गांव जवार के मानसून जमघट में बरसे लोकगीत

अख़लाक़ अंसारी/मुजफ्फरपुर : सांस्कृतिक नीति 2004 को जमीन पर उतारने, बिहार में कलाकार नीति बनाने और सभी जिलों में कला प्रदर्शन के लिए आडिटोरियम व नगर भवन फ्री मुहैया कराने की मांग को लेकर लोक कलाकार 30 जुलाई को पटना में जमघट आयोजित करेंगे। इसमें सूबे के डेढ़ सौ कला संगठनों के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे। यही नहीं सभी सियासी दलों के प्रतिनिधि भी आमंत्रित होंगे। इन दलों के समक्ष कलाकार इन मुद्दों को रखते हुए चुनाव घोषणा पत्रों में कला व कलाकारों के विकास बाबत दृष्टिकोण स्पष्ट करने की मांग करेंगे। यह फैसला रविवार को 'गांव जवार' और 'बेटी बचाओ आंदोलन' के मानसून जमघट में लिया गया।जिला स्कूल सभागार में गांव-गांव से पहुंचे कलाकारों ने रिमझिम फुहारों के बीच पारंपरिक लोकगीतों की प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। कजरी, झूमर, निर्गुण, लोकगीत, झूलन, गजल, भजन आदि पर शाम तक लोग झूमते रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मंजूर खान ने गजल सुनाकर की। इसके बाद किरण देवी, मिश्री लाल, सुरेन्द्र पासवान, शैलेश यादव, अवधेश कुमार, संजय यादव, विरेन्द्र चौहान, संत रामाशीष दास, अनिता कुमारी, सुनील कुमार, अशोक कुमार, चंदन कुमार, इंदू बाला शर्मा, कामेश्वर मिश्र, सलोनी कुमारी, अशोक कुमार ओझा, विनय गिरी, अवधेश भंडारी आदि लोक गायकों ने प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में विनोद कुमार ने जहां नाक से शहनाई बजाकर वाहवाही लूटी, वहीं फिल्म 'पिपली लाइव' की बाल कलाकार पारूल ने माइम प्रस्तुत कर सबको चकित कर दिया।इस दौरान नया थियेटर भोपाल के निर्देशक रामचंद्र सिंह, फिल्म अभिनेता विजय खरे, पटना से पहुंचे पत्रकार शशिकांत, बेटी बचाओ आंदोलन के संयोजक अरुण कुमार सिंह व सोशल वर्कर विष्णुकांत झा ने संगठित होकर लड़ाई तेज करने की अपील की। वक्ताओं ने कहा कि सूबे में कई कलाएं न सिर्फ दम तोड़ रही हैं, बल्कि उसे जिंदा रखने वाले गुमनामी में जी रहे हैं। उनके संरक्षण के लिए राज्य सरकार के पास कोई योजना नहीं है।

1 comment:

Anonymous said...

http://insuranceinstates.com/ohio/Cincinnati/Barry%20Howell%20Insurance/45239/