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Friday, January 11, 2008



गोशालाओं को दुधारू बनाना चाहते हैं मोदी

मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। बिहार सरकार अब अपने राज्य की गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की योजना पर विचार करने लगी है। राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी यह काम संघ परिवार की संस्था केशवसृष्टि द्वारा चलाई जा रही गोशाला की तर्ज पर करना चाहते हैं।
पिछले सप्ताह गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लेने आए मोदी ने मुंबई से 60 किलोमीटर दूर स्थित इस गोशाला को न सिर्फ जाकर देखा, बल्कि इसकी संचालन पद्धति को भी गहरी रुचि लेकर समझा। लगभग दो सौ देसी गायों वाली यह गोशाला गोबर एवं गोमूत्र से बनने वाले उत्पादों को बेचकर प्रतिवर्ष 50 लाख रुपये कमा रही है। इस राशि में दूध से होने वाली आय शामिल नहीं है। गोशाला का सारा दूध केशवसृष्टि द्वारा संचालित एक आवासीय विद्यालय के काम आ जाता है।
केशवसृष्टि के सचिव सतीश सिन्नरकर के अनुसार पूर्णतया व्यावसायिक तरीके से इस गोशाला का संचालन करके संस्था किसानों को यह बताना चाहती है कि देसी गायें दुधारू न होते हुए भी हर महीने करीब दो हजार रुपये की आमदनी करवा सकती हैं।
गौरतलब है कि इस गोशाला की दो सौ में से करीब 60 गायें ही एक समय में दूध देती हैं। इन गायों के गोबर एवं गोमूत्र से शैंपू, साबुन, गोमूत्र अर्क, गोमूत्र टैबलेट जैसे 25 से अधिक उत्पाद बनाकर अच्छी पैकिंग के साथ बेचे जाते हैं। इसके अलावा गोशाला में जन्म लेने वाले बछड़ा-बछड़ी गरीब किसानों को इस शर्त के साथ नि:शुल्क दे दिए जाते हैं कि वे उनका उपयोग आमदनी बढ़ाने के लिए करें, लेकिन यदि वे उन्हें रख पाने में सक्षम न हों तो पुन: गोशाला को वापस कर जाएं।
गौरतलब है कि बिहार अकेला राज्य है जिसने गोशाला कानून बना रखा है। राज्य में करीब 80 गोशालाएं हैं, जिनके लिए हजारों एकड़ जमीन आरक्षित रखी गई है। लेकिन ये सभी गोशालाएं जर्जर स्थिति में हैं। केशवसृष्टि की गोशाला देखने के बाद सुशील मोदी ने बिहार की गोशालाओं का विकास भी उपरोक्त गोशाला की तर्ज पर करने की इच्छा जताई है। इसके लिए उन्होंने केशवसृष्टि से तकनीकी मदद एवं प्रशिक्षण मुहैया कराने का आग्रह भी किया है।
साभार दैनिक जागरण : Dec 31, 07:49 pm

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