'नेशनल हेराल्ड' का प्रकाशन बंद होगा
नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा शुरू किए गए और पिछले कई वर्षों से कांग्रेस पार्टी की वित्तीय मदद से चल रहे समाचार पत्र 'नेशनल हेराल्ड' का प्रकाशन बंद कर दिया जाएगा।
समाचार पत्र के अधिकारियों के अनुसार 'नेशनल हेराल्ड व कौमी आवाज इम्पलायीज यूनियन' और कांग्रेसी नेताओं के बीच 265 कर्मचारियों के समायोजन के लिए वार्ताएं की गई हैं। इन 265 कर्मचारियों में नई दिल्ली से प्रकाशित होने वाले अंग्रेजी और उर्दू संस्करणों के 40 पत्रकार भी शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबि कांग्रेस ने नेहरू द्वारा लखनऊ से नौ सितंबर 1938 को शुरू किए गए इस समाचार पत्र को बंद करने का निर्णय लिया है। अधिक कर्मचारी और विज्ञापन के अभाव के कारण समाचार पत्र घाटे में चल रहा था।
नेशनल हेराल्ड और कौमी आवाज के लखनऊ संस्करणों को लगभग 10 वर्ष पहले ही बंद किया जा चुका है। अखबार का हिन्दी संस्करण 'नवजीवन' (यह नाम महात्मा गांधी द्वारा दिया गया था) कुछ वर्ष पहले बंद हो चुका है।
अधिकारियों के अनुसार समाचार पत्र के अध्यक्ष एवं कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष एवं सांसद मोतीलाल वोरा और अन्य कांग्रेसी नेताओं ने कर्मचारियों के लिए 38 करोड़ रुपये के मुआवजा पैकेज का निर्णय लिया है।
कौमी आवाज के वरिष्ठ पत्रकार और नेशनल हेराल्ड एवं कौमी आवाज इम्पलायीज यूनियन के अध्यक्ष सौद अख्तर ने इस समाचार पत्र को बंद किए जाने की पुष्टि करते हुए आईएएनएस को बताया, ''हां, इसे बंद किए जाने का फैसला लिया जा चुका है। इस पर अंतिम समझौता इस सप्ताह के अंत तक किया जा सकता है।''
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस
Wednesday, January 23, 2008
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