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स्लमडॉग के नाम पर ही भीख दे दो
जैसा कि आपका मालूम ही है कि स्लमडॉग को ऑस्कर प्राप्त हो गया है। परन्तु भिखारी भी स्लमडॉग कहकर भीख मांग रहे हैं। मामला दिल्ली का है। तुलसी जी एक प्रतिष्ठित पत्रिका से जुड़े हुए हैं और अच्छे नेट-फ्रेंड हैं। हाल ही में उन्होंने बड़ी ही विचित्र घटना सुनाई, जिसे सुनकर हतप्रभ होना स्वाभाविक ही था। घर से ऑफिस की तरफ़ जाते हुए सीलमपुर की लालबत्ती पर उन्होंने देखा कि कुछ भिखारी हमेशा की तरह अपने दैनिक शिडयुल में व्यस्त थे। लेकिन गौर करने वाली बात यह थी कि आज उनका तरीका एकदम नया और आकर्षक था। अब वे भिखारी अल्लाह, भगवान या फ़िर अपने नवजात बच्चे के नाम पर भीख मांगने कि बजाय "स्लमडॉग के नाम पर" जनता जनार्दन कि सहानुभूति हासिल करने में जुट गए हैं।
3 comments:
baap re ye to badi nayi jankari hai,magar bhikariyon ke inteligence ke daad deni padegi,kaash ye log kuch kaam karke thode paise kamaye.
भाई ये तो नई खबर है . ऐसा लगता है कि भविष्य में भिखारी स्लाग डांग के नाम पर भीख मांगने लगेंगे . भिखारी भी नया प्रयोग करने में नहीं चूकेंगे
वो लोग भी प्रोफेशनल हैं। अपडेट रहना और अपने धंधे में नए प्रयोग करने का उन्हें भी पूरा हक है। लगे रहो लाल लाइट के नक्षत्रों. तुमसे ही वहां बहार रहती है।
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