अंधविश्वास की जड़ें समाज में काफी गहरी जम चुकी है। यही कारण है कि जनपद के कई गांवों में बहनों ने अपनी रक्षा का वचन लेते हुए जो राखी सुबह अपने हाथों से भाईयों की कलाई पर बाधी थी, उसे चंद्रग्रहण पर अनहोनी होने के अंधविश्वास के चलते रात्रि में खुद ही खोल दिया।
अफवाह कहें या चंद्रग्रहण का कोप क्षेत्र के कई गांवों में सैकड़ों परिवारों ने शनिवार रात भाईयों की कलाईयों से आनन फानन में राखियां खुलवा दीं। ग्रामीणों का कहना था कि रात्रि चंद्रग्रहण के चलते पशुओं के नीचे खून पड़ा देखा गया। यह अफवाह कई ग्रामों में सुनने को मिली।
शनिवार देर रात तक चंद्रग्रहण को लेकर क्षेत्र में सनसनी व अफवाहें फैली रहीं। रातों रात संबंधियों ने अपने परिजनों को कलाई पर बंधी राखी खुलवा दी। कस्बा ताजपुर निवासी अरविंद कुमार, अशुं रानी, अतुल कुमार, राजेश, महेश्वरी व ग्राम पौटा निवासी संजीव कुमार, अखिलेश, पदम सिंह, ग्राम नांगल निवासी अशोक कुमार, भरत सिंह, मिलक निवासी मुकेश कुमार आदि के अनुसार शनिवार चंन्द्रग्रहण के चलते कलाईयों पर राखियां बंधी होने से बाहर बंध रहे उन के पशुओं के नीचे जगह-जगह खून पड़ा दिखाई दिया। यही अफवाहें अन्य कुछ गांवों में भी सुनने को मिलीं। [जागरण]
अफवाह कहें या चंद्रग्रहण का कोप क्षेत्र के कई गांवों में सैकड़ों परिवारों ने शनिवार रात भाईयों की कलाईयों से आनन फानन में राखियां खुलवा दीं। ग्रामीणों का कहना था कि रात्रि चंद्रग्रहण के चलते पशुओं के नीचे खून पड़ा देखा गया। यह अफवाह कई ग्रामों में सुनने को मिली।
शनिवार देर रात तक चंद्रग्रहण को लेकर क्षेत्र में सनसनी व अफवाहें फैली रहीं। रातों रात संबंधियों ने अपने परिजनों को कलाई पर बंधी राखी खुलवा दी। कस्बा ताजपुर निवासी अरविंद कुमार, अशुं रानी, अतुल कुमार, राजेश, महेश्वरी व ग्राम पौटा निवासी संजीव कुमार, अखिलेश, पदम सिंह, ग्राम नांगल निवासी अशोक कुमार, भरत सिंह, मिलक निवासी मुकेश कुमार आदि के अनुसार शनिवार चंन्द्रग्रहण के चलते कलाईयों पर राखियां बंधी होने से बाहर बंध रहे उन के पशुओं के नीचे जगह-जगह खून पड़ा दिखाई दिया। यही अफवाहें अन्य कुछ गांवों में भी सुनने को मिलीं। [जागरण]
3 comments:
हद है यार!
क्या कहें।
अजब समाचार है भई!
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