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Tuesday, July 13, 2010

जिन्दगी बचाने की मुहिम

18 साल की अंजलि के सारे सपने टूट गये हैं। आज वह जिन्दगी और मौत के बीच झूल रही है। दरअसल अंजलि की दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं। डाW. राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने किडनी के प्रत्यारोपण के लिए उसे जी. बी. पंत अस्पताल या अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्था (एम्स) में रेफर किया। लेकिन आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर होने के कारण अंजलि का परिवार उसका इलाज कराने में असमर्थ है। अंजलि के 62 साल के पिता त्रिलोक चंद्र एक दुर्घटना के बाद से काम नहीं कर पाते हैं। अंजलि के दो भाई भी थे लेकिन अब वे इस दुनिया में नहीं हैं। एक भाई ब्लड कैंसर का तो दूसरा एक दुर्घटना का शिकार बन गया। अंजलि की दो बड़ी बहनें और एक छोटी बहन है। घर में कमाने वाली उसकी अकेली बहन निशा टूशन पढ़ाकर कर किसी तरह घर का गुजारा करती है। हमारी आपकी थोड़ी सी मदद एक जिन्दगी को बचा सकती है। अगर अंजलि को कोई किडनी दान कर दे या उसके इलाज का खर्च उठा ले तो उसकी जिन्दगी बच सकती है। एक-एक दिन मौत उसके करीब आती जा रही है। एक आम लड़की की तरह अंजलि के भी कई सपने हैं। जिन्दगी में कुछ करने का जज्बा भी है। लेकिन अब उसके सारे सपने हमारी आपकी मदद पर निर्भर हैं।
अंजलि की मदद के लिए यहां संपर्क करें।

निशा (अंजलि की बहन)
मकान नं। 6555, तोताराम बिल्डिंग,
कुतुब रोड, नई दिल्ली-११००५५
मोबाइल-9654854701
(नोट : यह सूचना एएनआई में कार्यरत संदीप द्विवेदी द्वारा भेजे गए इमेल के हवाले से प्रेषित की जा रही है।)

2 comments:

anupam raj said...

ye jimmewari hamare manniye mukhya mantri bihar ki honi chahiye. agar wo apne raaj kaaj se thora dhyan is bacchi pe de dete hai to sayad ye bacchi manniye mukhya mantri ki tarah to nahi lekin unke barabar ke etna jarur dam rakheti hai kuchh kar gujarne ki.

anupam raj said...

ye jimmewari hamare manniye mukhya mantri bihar ki honi chahiye. agar wo apne raaj kaaj se thora dhyan is bacchi pe de dete hai to sayad ye bacchi manniye mukhya mantri ki tarah to nahi lekin unke barabar ke etna jarur dam rakheti hai kuchh kar gujarne ki.