वर्तमान सूचना युग में इन्टरनेट एक क्रांतिकारी संचार मध्यम साबित हो रहा है. इसकी संभावनाएं बहुत अधिक हैं क्योंकि आने वाले समय जैसे भौतिक साधनों का विकास होता रहेगा तो टेलीविजन और समाचार पत्र जैसे जन माध्यमों पर लोगों की निर्भरता भी कम होने लगेगी. क्योंकि अव्यस्त होते हुए भी कल+युग के प्रभाव से मानव बच नहीं पायेगा. ऐसे में यह सुविधाभोगी प्राणी अपने हिसाब से देश और दुनिया के बारे में जानना चाहेगा. वह किसी निर्धारित समय पर ही फलां टीवी चैनल पर कोई न्यूज बुलेटिन अथवा मनोरंजनात्मक कार्यक्रम देखने की बाध्यता से ऐसी स्थिति में निजात पाना चाहेगा. वह कार्यक्रम का आनंद तो जरुर उठाना चाहेगा लेकिन टीवी चैनल द्वारा निर्धारित किए गए समय के मुताबिक नहीं, बल्कि अपने समय के मुताबिक. हालाँकि इसकी न्यूनाधिक तैयारी टेलीविजन ने कर ली और किसी कार्यक्रम को उन्नत टेलीविजन तकनीक के मध्यम से सेव करके रखा जा सकता है. लेकिन इस सेव करने तक के झंझट से भी इंसान अब मुक्ति चाहता है. सब कुछ रेडीमेड चाहिए अब तो. सूचना के साथ भी कुछ ऐसा ही आगामी दशक में होने जा रहा है. सूचना प्रसारण के जो भी प्रचलित तौर तरीके एवं मध्यम चलन में हैं, उनमे से इंटरनेट की उपयोगिता रेडिमेड हासिल करने के लिहाज से सबसे ऊपर रहने वाली है. युट्यूब और गूगल सर्च ने इसका आगाज काफी पहले ही कर दिया है.
आने वाले समय में इंटरनेट पर हिन्दी का प्रसार बढेगा इस बात की संभावनाएं नजर आ रही हैं. हिन्दीभाषी भी ज्ञानवर्धक जानकारियां अपनी भाषा में देखना और पढ़ना चाहते हैं. लेकिन इन्टरनेट पर अभी हिन्दी को अपना प्रभाव जमाने के लिए काफ़ी कुछ करना होगा.
Thursday, January 29, 2009
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2 comments:
इस दिशा में सार्थक प्रयास जारी है-आप भी अपना अमूल्य योगदान बनाये रखें. जल्द ही हिन्दी भरपूर प्रसार पा लेगी नेट पर.
शुभकामनाऐं.
नेट पर सिर्फ
हिन्दी हिन्दी और हिन्दी
ही मिलेगी कुछ समय में
बस भरोसा जमाए रखें
हिन्दी का एक गांव
बन रहा है नेट पर
जहां पर पहुंचने के लिए
न सड़क, न कार
न ही होना होगा सवार
फिर भी सब करेंगे
हिन्दी से ही प्यार।
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